ठिनठिनी पत्थर – छत्तीसगढ़ का रहस्यमयी पत्थर।
भारत अपने अंदर छुपे रहस्यों के कारण दुनिया भर में हमेशा से आकर्षण का केन्द्र रहा है। यहां ऐसे कई तथ्य पाए गए हैं जो हमेशा पृथ्वी के बाहर भी एक दुनिया के होने का प्रमाण देते आए हैं। ठिनठिनी पत्थर – छत्तीसगढ़ में भी एक ऐसा ही रहस्य छुपा हुआ है जो लोगों के आकर्षण का केन्द्र है।
ऐसे ही भारत के एक राज्य छत्तीसगढ़ की भूमि में भी ऐसे कई राज है जो हमेशा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते आए हैं। यहां के सरगुजा जिले में ऐसा ही एक आकर्षण का केन्द्र है ठिनठिनी पत्थर (Thinthini Patthar) । जितना अजीब इस पत्थर का नाम है, उससे कहीं ज्यादा रोचक इस पत्थर की विशेषता है।
ठिनठिनी पत्थर का रहस्य
सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर से 12 किलोमीटर दूर दरिमा हवाई अड्डे से लगा छिंदकालो एक गांव है। इस गांव का नाम भले ही छिंदकालो है लेकिन ये ठिनठिनी पत्थर के नाम से चर्चित है। करीब 6 फिट का यह रहस्यमयी पत्थर, काले पत्थरों के बीच धुंधले सफेद रंग का है। जिसे गांव के लोग देवता मानते हैं और इसकी पूजा भी करते हैं।
यह पत्थर धातु की तरह आवाज करता है। इस पत्थर के चारों तरफ अलग-अलग धातु की आवाज आती है। कहीं पत्थर के किसी हिस्से पर दूसरे छोटे पत्थर को टकराने से उसमें स्कूल की घंटी की तरह आवाज आती है, कहीं पर पीतल के बर्तन के तरह, तो कहीं पर कांस्य के बर्तन की तरह आवाज आती है।
यदि इसे साइंटिफिक अप्रोच से देखें तो इस तरह के पत्थर छत्तीसगढ़ में सिर्फ यहीं है। बाकी जो ठोंकने पर आवाज आती है तो इस तरह के पत्थर साउथ इंडिया में कई जगह मिलते हैं, पूरी दुनिया में हैं। वास्तव में ये ज्वालामुखी से निकला जो लावा होता है, वो होते हैं। इसमें जो आवाज आती है, वह हाई डेंसिटी के कारण है।
आज ठिनठिनी पत्थर इतना लोकप्रिय हो चुका है कि इसे देखने देश के कोने-कोने से लोग आते हैं। यहां वे ठिनठिनी के दो पत्थरों को आपस में टकरा कर देखते हैं और इससे निकलने वाली ध्वनि को सुनकर आनंदित होते हैं।
ठिनठिनी पत्थर में शोध
इस रहस्मयी पत्थर को लेकर रिटायर्ड शिक्षक श्रीश मिश्रा शोध कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस तरह की जो चीज है, वो अम्बिकापुर में ठिनठिनी पत्थर है. जब ये चीजें गांव वालों की समझ में नहीं आती, तब वो उसको किसी न किसी कहानी से जोड़ देते हैं या किसी देवी-देवताओं से जोड़ देते हैं. इसके पीछे मकसद एक सामान्य जानकारी ही देना रहता है कि कोई पूछेगा तो क्या हम क्या बताएंगे. ऐसे में कोई बुजुर्ग या गांव का कोई होशियार आदमी होता है तो वो कोई न कोई कहानी गढ़ देता है. ये चीज लगभग हर जगह लागू होती है.