जाने पुसर्ला वेंकट सिंधु, PV Sindhu भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाडी के बारे में
पुसर्ला वेंकट सिंधु, PV Sindhu एक ख्याति प्राप्त भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाडी हैं | रिओ ओलिंपिक 2016 में इन्होंने महिला एकल बैडमिंटन में रजत पदक प्राप्त किया और यह कारनामा करने वाली प्रथम भारतीय बनी |
प्रारंभिक जीवन :-
05 जुलाई, 1995 को हैदराबाद में पी.वी. रमण और पी. विजया के घर इनका जन्म हुआ | इनका पूरा परिवार खेल के प्रति समर्पित था , पिता रमण और माता विजया पेशेवर वॉलीवॉल खिलाडी थे| पी. वी. रमण को वॉलीवाल में उत्कृष्ट कार्यों के लिए वर्ष 2000 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था | बड़ी बहन दिव्या भी राष्ट्रीय स्तर की नेटबॉल खिलाडी रह चुकी है, बाद में दिव्या ने चिकित्सा को पेशे के रूप में चुना | किन्तु सिंधु ने महज़ 8 वर्ष की आयु में, 2001 ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन बने पुलेला गोपीचंद से प्रभावित होकर बैडमिंटन को अपना करियर चुना|
सिंधु ने बैडमिंटन के बुनियादी बातों को सिकंदराबाद के इंडियन रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूर संचार के बैडमिंटन कोर्ट में महबूब अली के मार्गदर्शन में सीखा, बाद में वे अपने घर से 56 किमी दूर स्थित पुलेला गोपीचंद अकादमी (हैदराबाद) में शामिल हो गयी और पढ़ाई तथा खेल दोनों को संतुलित करते हुए आगे बढ़ी |
करियर :-
अंतर्राष्ट्रीय स्तर में इनका पदार्पण 2009 में कोलम्बो में आयोजित सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में किया और प्रथम अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल किया | इसके बाद इंहोने वर्ष 2010 में आयोजित ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज के एकल वर्ग में रजत पदक जीता।
7 जुलाई 2012 को वे एशिया यूथ अंडर-19 चैम्पियनशिप के फाइनल में उन्होने जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहरा को 18-21, 21-17, 22-20 से हराया। उन्होने 2012 में चीन ओपन (बैडमिंटन) सुपर सीरीज टूर्नामेंट में लंदन ओलंपिक 2012 के स्वर्ण पदक विजेता चीन के ली जुएराऊ को 21 -19, 9-21, 21-16 से हराकर सेमी फाइनल में प्रवेश किया| वे वर्ष 2013 में चीन में आयोजित विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में एकल पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनी|
17 वर्ष की आयु में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में शानदार जीत दर्ज की | इन्होने वर्ष 2013 में आयोजित मलेशियन ओपन सिंगापुर की गु जुआन को हराकर मलेशियन ओपन टाइटल जीतते हुए अपना पहला ग्रैंड प्रिक्स हासिल किया | इनका यह प्रदर्शन जारी रहा और 2013 में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया |
2013 में PBL ( प्रीमियर बैडमिंटन लीग ), जो एक भारतीय लीग है, में अवधि वारियर्स टीम की कप्तानी की और टीम को फाइनल तक पहुंचाया |
इन्होंने 1 दिसम्बर 2013 को कनाडा की मिशेल ली को हराकर मकाउ ओपन ग्रां प्री गोल्ड का महिला सिंगल्स खिताब जीता है।
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2013 में इन्हे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया |
वर्ष 2014 में भी इनका विश्वशनीय प्रदर्शन जारी रहा और बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन BWF द्वारा आयोजित खेलों में जीत दर्ज की |
वर्ष 2015 में BWF के सबसे बड़ी सीरीज ”सुपर सीरीज” जो डेनमार्क में आयोजित किया गया था में फाइनल में प्रवेश किया |
2016 रियो ओलम्पिक
सिंधु ने ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में आयोजित किये गए 2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और महिला एकल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला बनीं। सेमी फाइनल मुकाबले में सिंधु ने जापान की नोज़ोमी ओकुहारा को सीधे सेटों में 21-19 और 21-10 से हराया। फाइनल में उनका मुकाबला विश्व की प्रथम वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्पेन की कैरोलिना मैरिन से हुआ। पहली गेम 21-19 से सिंधु ने जीता लेकिन दूसरी गेम में मैरिन 21-12 से विजयी रही, जिसके कारण मैच तीसरी गेम तक चला। तीसरी गेम में उन्होंन {21-15} के स्कोर से मुकाबला किया किंतु अंत में उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
2018 में इन्होने सीजन एंडिंग BWF टूर फाइनल जीतकर, यह कारनामा करने वाली पहली भारतीय बानी और इतिहास रच दिया |
सम्मान :-
राष्ट्रीय
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार ,भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार ( 2016 )
पद्म श्री, भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान। (2015)
अर्जुन पुरस्कार (2013)
अन्य
एफआईसीसीआई 2014 का महत्वपूर्ण खिलाड़ी
एनडीटीवी इंडियन ऑफ़ द ईयर 2014
ये हमारे अनुसार पुसर्ला वेंकट सिंधु, PV Sindhu भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाडी के बारे के बारे में बताया अवश्य पढ़ें। यह जानकारी आपको कैसे लगी हमें बताएं कि नीचे टिप्पणी करके बताएं |