छत्तीसगढ़ के खजुराहो की कामुक मूर्तियां का रहस्य।
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के मुख्यालय कवर्धा से 18 किलोमीटर दूर चौरागांव में 1 हजार वर्ष पुराना मंदिर है जिसे भोरमदेव के नाम से जाना जाता है। मंदिर के चारों ओर मैकल पर्वत समूह है, जिनके मध्य हरी – भरी घाटी में यह मंदिर है। मंदिर के सामने एक सुंदर तालाब भी है, जिसके कारण मंदिर की सुंदरता बढ़ जाती है। इस मंदिर की बनावट खजुराहो और कोणार्क के मंदिर के समान है, जिसके कारण लोग इस मंदिर को छत्तीसगढ़ का खजुराहो में कहते हैं।
छत्तीसगढ़ के खजुराहो की कामुक मूर्तियां का रहस्य
इस मंदिर का निर्माण कलचुरी संवत् 840 अर्थात 10वीं एवं 11वीं शताब्दी के बीच छठवें फणी नागवंशी राजा गोपाल देव के शासनकाल में राजा लक्ष्मण देव ने बनवाया था। ऐसा कहा जाता है कि गोंड राजाओं के देवता भोरमदेव थे जो कि शिवजी का ही एक नाम है जिनके नाम से भोरमदेव मंदिर का नाम भोरमदेव पड़ा। मंदिर का मुख पूर्व की ओर है। मंदिर नागर शैली का एक सुंदर उदाहरण है। मंदिर में तीन ओर से प्रवेश किया जा सकता है।
मंदिर के बाहर की दीवारों पर खजुराहो और कोणार्क के सूर्य मंदिर के समान सामाजिक तथा गृहस्थ जीवन से संबंधित अनेक मूर्तियां भी लगी हुई है। इसके बारे में कहा जाता है कि इन कामुक मूर्तियों की शिल्पकारी इसलिए कराई गई थी क्योंकि इस मंदिर में भगवान शिव को साक्षी मानकर विवाह करने के उपरांत शिव जी से आशीर्वाद लेकर मंदिर के चारों ओर चक्कर लगाते हुए विवाहित जोड़े अपने दांपत्य जीवन के गुप्त ज्ञान को प्राप्त करते हुए दांपत्य सुख की ओर आकर्षित होकर वैवाहिक जीवन का शुभारंभ कर सके।
इसके अतिरिक्त उस काल में कुछ ऐसे धर्म के प्रचार-प्रसार भी हो रहे थे जिस कारण युवाओं के मन में वैराग्य के प्रति रुचि बढ़ती जा रही थी। इसी कारण वैराग्य की शरण में जाते हुए लोगों को वापस दांपत्य जीवन की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से भी इन मूर्तियों का निर्माण करवाया गया है क्योंकि उस काल में केवल कला ही सबसे ज्यादा प्रचलित थी, जिसके माध्यम से अनेक प्रकार के संदेश समाज को दिए जाते थे।
मंदिर की बाहरी दीवारों पर इन कामुक मूर्तियों की शिल्पकारी के द्वारा यह भी संदेश देने का प्रयास किया गया है कि लोग मंदिर के बाहर घुमकर सबसे पहले अपने अंदर के काम, क्रोध, लोभ ऐसे सभी अनैतिक कार्यों से जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की झलक देख सके और अपनी गंदी मानसिकता को वश में करें करने का प्रयास करें।